चाँद का दो टुकड़े होना और एक साइंटिस्ट का बयान
हज़रत अनस रज़ि कहते हैं "मक्का के लोगो ने अल्लाह के रसूल सल्ल से कोई मोजज़ा दिखाने की इल्तिजा करी और तब उन्हे आप सल्ल ने चाँद के दो टुकड़े हो जाने का मोजज़ा दिखलाया "
(Sahih bukhari Book #56, Hadith #831)
ज़ेग्लाउल एलनेगर ने सन् 2004 में चाँद की इन दो तस्वीरो को जो की अपोलो 10 नामक चन्द्रयान से 1969 में नासा द्वारा ली गई थीं,अपनी किताब में छापा है और आगे लिखा है "ब्रिटिश मुसलमान डेविड मूसा पिडऑक ने मुझे बताया की 1978 में उसने एक प्रोगाम देखा जिसमे एक अमरीकी स्पेस विज्ञानी जिसके नाम से मैं वाकिफ नही था उसने कहा " चाँद आज से सैकड़ो साल पहले दो हिस्सों में टूटा था और वापस जुड़ा था जिसका पर्याप्त सबूत चाँद की सतह का बीचोबीच से जुड़ा हुआ होना है कंक्रीट का ये जोड़ बा आसानी देखा जा सकता है "
आपको बता दूँ कुरआन और हदीस ए नबवी चाँद के दो टुकड़े होने की घटना की पुष्टि करतीं है
नासा के वैज्ञानिको को जब ये मालूम हुआ की चाँद से जुडी ये हकीकत इस्लाम धर्म की हक़्क़ानियत पर मोहर लगाती है तब उन्होंने चाँद की इन तस्वीरो पर अलग कहानी बनाना शुरू कर दी ताकि गैर मुस्लिमो पर इससे पड़ने वाले असरात को कुछ कम किया जा सके लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और दानीश्वरो की एक बड़ी तादाद रसूलुल्लाह सल्ल के मोजज़े को हक मानते हुए आपकी रिसालत पर ईमान ला चुकी थी अल्लाह के फ़ज़ल से अक्ल वाले लोग आज भी रिसर्च करके हिदायत पा रहें है और ये सिलसिला आज भी किसी न किसी रूप में कायम दायम है ।
हज़रत अनस रज़ि कहते हैं "मक्का के लोगो ने अल्लाह के रसूल सल्ल से कोई मोजज़ा दिखाने की इल्तिजा करी और तब उन्हे आप सल्ल ने चाँद के दो टुकड़े हो जाने का मोजज़ा दिखलाया "
(Sahih bukhari Book #56, Hadith #831)
ज़ेग्लाउल एलनेगर ने सन् 2004 में चाँद की इन दो तस्वीरो को जो की अपोलो 10 नामक चन्द्रयान से 1969 में नासा द्वारा ली गई थीं,अपनी किताब में छापा है और आगे लिखा है "ब्रिटिश मुसलमान डेविड मूसा पिडऑक ने मुझे बताया की 1978 में उसने एक प्रोगाम देखा जिसमे एक अमरीकी स्पेस विज्ञानी जिसके नाम से मैं वाकिफ नही था उसने कहा " चाँद आज से सैकड़ो साल पहले दो हिस्सों में टूटा था और वापस जुड़ा था जिसका पर्याप्त सबूत चाँद की सतह का बीचोबीच से जुड़ा हुआ होना है कंक्रीट का ये जोड़ बा आसानी देखा जा सकता है "
आपको बता दूँ कुरआन और हदीस ए नबवी चाँद के दो टुकड़े होने की घटना की पुष्टि करतीं है
नासा के वैज्ञानिको को जब ये मालूम हुआ की चाँद से जुडी ये हकीकत इस्लाम धर्म की हक़्क़ानियत पर मोहर लगाती है तब उन्होंने चाँद की इन तस्वीरो पर अलग कहानी बनाना शुरू कर दी ताकि गैर मुस्लिमो पर इससे पड़ने वाले असरात को कुछ कम किया जा सके लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और दानीश्वरो की एक बड़ी तादाद रसूलुल्लाह सल्ल के मोजज़े को हक मानते हुए आपकी रिसालत पर ईमान ला चुकी थी अल्लाह के फ़ज़ल से अक्ल वाले लोग आज भी रिसर्च करके हिदायत पा रहें है और ये सिलसिला आज भी किसी न किसी रूप में कायम दायम है ।
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