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मंगलवार, 10 नवंबर 2015

हैकल सुलेमानी की तारीख और यहूदी

हैकल सुलेमानी की तारीख़ और यहूदी 
हैकल सुलेमानी के बारे में जानने के लिए तारीख के पन्नों को पलटना ज़रूरी है इसलिए ये बात याद रखने के काबिल है के यहूदी हज़रत बीबी सायरा की औलाद हैं जबकि नबी ए अकरम सल लल्लाहो अलैहि वसललम इब्राहीम अलैहि सलाम की दूसरी बीबी हज़रत बीबी हाजरा की औलाद में से हैं हज़रत इस्माइल अलैहि सलाम हज़रत बीबी हाजरा के बेटे हैं इब्राहिम अलैहि सलाम हज़रत बीबी हाजरा को हज़रत बीबी सायरा की ख्वाहिश और अल्लाह तआला के हुक्म पर मौजूदा मक्का की बे आबाद ज़मीन पर ले गए अल्लाह तआला को बीबी हाजरा और हज़रत इस्माइल अलैहि सलाम की न्याज़मन्दी और ख़ुशनूदी इतनी पसन्द आई की इस मकाम पर हज़रत हाजरा का नन्हे इस्माइल के लिए भाग दौड़ करना हज का रुकून बना दिया गया आबे ज़मज़म जारी कर दिया गया और हज़रत इस्माइल के अल्लाह की राह में कुरबान होने की अदा को कुर्बानी बना दिया गया फिर इस मकाम को पहला बैतुल्लाह बना दिया गया ज़मीन पर पहला बैतुल्लाह येही था और कयामत तक ये ही रहेगा 
ये बीबी हाजरा और उनकी औलाद के लिए अल्लाह तआला की तरफ से बहुत बड़ी इज़्ज़त अफ़ज़ाई वाली बात थी ये ही बात आजतक यहूदियो को हज़म नही हुई वो ये समझते हैं की ये कैसे हो सकता है के हम अल्लाह की सबसे लाडली कौम होने के बावजूद हमे इस बैतुल्लाह की जानिब मुह करके इबादत करनी पड़े जिसे हज़रत इस्माइल अलैहि सलाम ने अपने वालिद हज़रत इब्राहीम अलैहि सलाम के साथ मिलकर बनाया हो 
वो हज़रत इस्माइल अलैहि सलाम को सिरे से नबी ही नही समझते हैं वो समझते हैं की नबूवत पर सिर्फ उनका ही हक है वो हज़रत हाजरा और हज़रत इस्माइल अलैहि सलाम की बेहद तौहीन करते हैं और बेहद गुस्ताखी भरे अल्फ़ाज़ इस्तेमाल करते हैं मज़ाक उड़ाते हैं आम तौर पर ख्याल किया जाता है की नबी करीम सललल्लाहो अलैहि वसललम के खाके व गुस्ताखाना कार्टून कुछ अखबार इत्तेफाक से बनाते हैं लेकिन ऐसा हरगिज़ नही है इसके पीछे यहूदियो की सदियो पुरानी नफरत छुपी हुई है जो उनको बीबी हाजरा अलैहिस्लाम से थी 
जैसा की ऊपर बताया गया है की यहूदियो को तास्सुब की वजह से बैतुल्लाह की तरफ मुह करके इबादत करने से बहुत तकलीफ थी इसलिए वो चाहते थे उनका क़िबला कोई और होना चाहिए चुनाचे एक वक्त ऐसा आया के अल्लाह ने उनकी आज़माइश के लिए के वो राहे रास्त पर आते हैं या नहीं, कुछ वक्त के लिए मौजूदा मक़ामे अक्सा की तरफ मुह करके इबादत करने का हुक्म फ़रमाया 
हैकल सुलेमानी की तामीर :
ये दरहक़ीक़त एक मस्जिद थी इस गलत फहमी का दूर होना भी बेहद ज़रूरी है क्योंकि बैतुल्लाह रोये ज़मीन पर सिर्फ एक ही तामीर किया गया था जो हज़रत इब्राहीम अलैहि सलाम ने मक्का में अल्लाह के हुक्म से तामीर किया था इसके अलावा पूरे कुर्रा ए अर्ज़ पर कोई दूसरा क़िबला या बैतुल्लाह तामीर नही किया गया था मैं मस्जिद ए अक्सा को हैकल के नाम से इसलिए लिखूंगा ताकि समझने में आसानी रहे 
हैकल सुलेमानी की तामीर से पहले यहूदियो के यहां किसी भी बाकायदा हैकल का न तो कोई वुजूद और न इसका कोई तव्वुर था इस कौम की बद्दुओं वाली खाना बदोश ज़िन्दगी थी उनका हैकल या माबद एक खेमा था इस खेमे में ताबूत ए सकीना रखा होता था जिसकी जानिब ये रुख करके इबादत किया करते थे रवायत के मुताबिक़ के ताबूत जिस लकड़ी से तैयार किया गया था उसे शमशाद कहते हैं और उसे जन्नत से हज़रत आदम अलैहि सलाम के पास भेजा गया था ये ताबूत नस्ल दर नस्ल अम्बिया से होता हुआ मूसा अलैहि सलाम तक पहुंचा था इस मुक़द्दस सन्दूक में हज़रत मूसा अलैहि सलाम का असा (छड़ी) मन्ना वस सलवा और दूसरे अम्बिया अलैहिस्सलाम की यादगारें थी यहूदी इस ताबूत की बरकत से हर मुसीबत और परेशानी का हल निकाल लिया करते थे दूसरी कौमो के साथ जंगों में भी इस सन्दूक को लश्कर के आगे रखा करते थे इसकी बरकत से जंगो में फतह हासिल किया करते थे 
जब हज़रत दाऊद अलैहि सलाम को बादशाहत अता हुई तो आपने अपने लिए एक बाकायदा बेहतरीन महल तामीर करवाया एक दिन उनके ज़हन में ख्याल आया के मैं तो खुद महल में रहता हूँ जबकि मेरी कौम का माबद आज भी खेमे में रखा हुआ है 
"बादशाह ने कहा मैं तो देवदार की शानदार लकड़ी से बने महल में रहता हूँ मगर खुदा वन्द का ताबूत एक खेमे में पड़ा हुआ है "
(स्मोवियल2:4)
चुनांचे आपने हैकल की तामीर का इरादा किया और उसके लिए एक जगह का चुनाव किया गया  विशेषज्ञयो ने आपको मशवरा दिया के इस हैकल की तामीर आपके दौर में नामुमकिन है आप इसका जिम्मा अपने बेटे सुलेमान अलैहि सलाम को सौंप दीजिये चुनांचे हज़रत सुलेमान अलैहि सलाम ने अपने दौरे हुकूमत के चौथे साल में इसकी तामीर का बाकायदा आगाज़ कर दिया आज इसकी बनावट और मज़बूती से अंदाज़ा किया जा सकता है ये तामीर इंसानो के बस की बात नहीं थी इतने भारी और बड़े पथरो को जिन्नातो की ताकत से चुना गया था जिन पर हज़रत सुलेमान अलैहि सलाम की हुकूमत थी ये हैकल माबद या मस्जिद बहुत ही आलिशान   और वसीअ थी इसमें तीन हिस्से थे बेरूनी हिस्से में आम लोग इबादत किया करते थे इससे अगले हिस्से में उलमा जो की अम्बिया की औलादो में से होते थे उनकी इबादत की जगह थी इसके अगले हिस्से में जो की सबसे ज़्यादा मुक़द्दस समझा जाता था उसमे ताबूत ए सकीना रखा गया था इस हिस्से में किसी को भी दाखिल होने की इजाज़त नही थी सिवाय सबसे बड़े आलिम पेश इमाम के 
वक्त गुज़रता रहा इस दौरान बनी इसराइल में पैगम्बर होते रहे लेकिन फिर भी ये कौम बद से  बदतर होती रही ये किसी भी तरह अपने गुनाहो से तौबा तायब होने या उनको तर्क करने के लिए तैयार नही थी ये कौम बिलकुल आज हमारी उम्मते मुस्लिमा की तरह एक तरफ इबादतें किया करते थे तो दूसरी तरफ अल्लाह के अहकाम की खुली मुखालफत और खिलाफ वर्जि करते रहे उनकी इस दोगली पॉलिसी से अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त नाराज़ हो गया उनके पास सबसे पहले मूसा अलैहि सलाम रसूल बनाकर भेजे गए और दुसरे रसूल हज़रत ईसा अलैहि सलाम थे हज़रत मूसा से हज़रत ईसा के बीच का वक्त 14 सौ साल बनता है उनके अलावा और बहुत बड़ी तादाद में अम्बिया भी भेजे गए लेकिन ये कौम सुधरने को तयार न थी यहां तक की उनकी शक्लों को अल्लाह पाक ने बन्दर और सूअर तक का बना दिया लेकिन ये फिर भी बाज़ न आये तब अल्लाह ने इन पर लानत कर दी 586 ईसा पूर्व में बख्त नसर ने उनके मुल्क पर हमला किया उनका हैकल तबाह और बर्बाद कर दिया हैकल में से ताबूत ए सकीना निकाल लिया 6 लाख से ज़्यादा यहूदियों को कत्ल कर डाला 2 लाख यहूदियो को कैद कर लिया और अपने साथ बाबुल ईराक ले गया शहर से बाहर यहूदीयो की एक बस्ती कायम की गई जिसका नाम तेल अबीब रखा गया 70 साल तक हैकल सफा हस्ती से मिटा रहा दूसरी तरफ बख्त नसर ने ताबूत ए सकीना की शदीद बे हुरमती की और उसे कहीं फेंक दिया कहा जाता है की इस बेहुरमती की हरकत का अज़ाब उसे इस तरह मिला के सन 539 ईसा पूर्व में ईरान के बादशाह सायरस ने बाबिल ईराक पर हमला कर दिया और बाबिल से उसकी सल्तनत का खात्मा कर दिया सायरिस एक नरम दिल और इन्साफ पसंद हुक्मरान था उसने तेल अबीब के तमाम कैदियों को आज़ाद करके उनको वापस येरुशलम जाने की इजाज़त दे दी और साथ में उनको हैकल के नए सिरे से तामीर करने की भी इजाज़त दे दी और तामीर में हर तरह की मदद करने का वादा भी किया 
अतः हैकल की दूसरी तामीर 537 ईसा पूर्व में शुरू हुई लेकिन तामीर का काम करने वालो को अपने ही हमवतन दुश्मनो की इतनी ज़्यादा मुखालफत झेलनी पड़ी के तामीर का काम बन्द करना पड़ा और डेरियस1 के दौरे हुकूमत तक बन्द रहा । उसकी हुकूमत के दुसरे साल में हज़रत ज़करिया अलैहि सलाम ने वहां के गवर्नर ज़रोबा बिल और सरदार काहिन यूशोवाह की हौसला अफ़ज़ाई की ताकि वो हैकल की तामीर की दुबारा कोशिश करें जिसपर उन्होंने पॉजिटिव रद्द ए अमल का इज़हार किया और साढ़े चार में 515-520 में तयार हो गया लेकिन इस बार इसमें ताबूत ए सकीना नही था इस के बारे में आजतक मालूम न हो स्का की बख्त नसर ने उसका क्या किया कुछ लोगो का कहना है उसने मुक़द्दस सन्दूक को तौहीन से बचाने के लिए अल्लाह के हुक्म से कहीँ महफूज़ जगह पर दफना दिया या छिपा दिया जिसका किसी इंसान को पता नही लेकिन यहूदी इसकी खोज में पूरी दुनियां को खोद देना चाहते हैं 
आम तौर पर इतिहासकार हैकल की दो बार तामीर और दो बार तबाही का ज़िक्र करते हैं लेकिन इतिहास को बारीकी से पड़ने पर पता चलता है की ऐसा नही है बल्कि हैकल को तीन बार तामीर किया गया लेकिन इसके साथ भी एक दिलचस्प कहानी वजूद में आई  हैरोड्स ने जब इसकी बेहतरीन तरीके से तामीर की तो यहूदियो के दिल में एक खौफ पैदा हुआ की अगर इसको नए सिरे से तामीर के लिए गिराया गया तो दोबारा तामीर नही होगा हैरोड्स ने उनको बहलाने के लिए कहा की वो सिर्फ इसकी मरम्मत करना चाहता है उसे गिराना नही चाहता चुनाचे सन् 19 ईसा पूर्व में उसने हैकल के एक तरफ के हिस्से को गिरा दिया और तब्दीली के साथ और बड़ा करके तामीर करवाया ये तरीका कामयाब रहा और यहूदियो की इबादत में बिना खलल डाले हैकल के थोड़े थोड़े हिस्से को गिरा दिया जाता और उसकी जगह नया और पहले से अलग हैकल वुजूद में आता रहा ये काम 18 महीने में मुकम्मल हुआ इस तरह तीसरी बार हैरोड्स के ज़रिये एक नया हैकल वजूद में आगया कुछ अरसे के बाद हज़रत ईसा अलैहि सलाम का ज़हूर हुआ अल्लाह के इस रसूल पर यहूदियो ने अपने मामूल के मुताबिक़ ज़ुल्म के पहाड़ तोड़ने शुरू कर दिए दरअसल यहूदी अपने मसीहा के इंतज़ार में थे जो दोबारा आकर उनको पहले जैसी शानो शौकत अता करता हज़रत ईसा अलैहि सलाम के ज़हूर होने के 70 साल बाद एक बार फिर यहूदियो पर अल्लाह का अज़ाब नाज़िल हुआ इस बार इस अज़ाब का नाम टाइट्स था ये रूमी जरनैल बाबिल के बादशाह बख्त नसर से भी ज़ालिम साबित हुआ उसने एक एक दिन में लाखो यहूदियो को फना कर दिया उसने हैरोड्स के तामीर किये गए अज़ीमुश शान हैकल की ईंट से ईट बजा दी और यहूदियो को हमेशा के लिए येरुशलम से निकाल बाहर किया यहूदी पूरी दुनिया में बिखर कर रुस्वा होकर रह गए लगभग 18 या 19 सौ साल तक भटकने के बाद ब्रिटेन ने जब फिलिस्तीन पर कब्जा किया तो साथ ही एक नाजायज़ बच्चे इस्राइल को फिलिस्तीन में जन्म दे दिया इस तरह सदियो से दुखने खाने वाली अल्लाह की लानत ज़दा कौम को एक बार फिर से इस मुल्क इसराइल में इकट्ठे होने रहने की इजाज़त मिल गई लेकिन ये कौम अपनी हज़ारो साल पुरानी गन्दी फितरत से बाज़ न आई ये ब्रिटेन के जन्म दिए हुए इस्राइल तक महदूद न रहे एक बार फिर से अपने पड़ोसी मुल्को के लिए अपनी फितरत से मजबूर होकर मुसीबत बनने लगे 5 जून 1967 को इन्होंने सीरिया की गोलान पहाड़ी पर कब्जा कर लिया 1968 में अर्दन के मग़रिबी किनारे पर काबिज़ हो गए इसी साल मिस्र के इलाके पर भी कब्जा कर लिया आज इस कौम की शरारतें और फूर्तियां देखकर अंदाज़ा होता है की ये लोग आज से दो तीन हज़ार साल पहले भी किस कदर हारामी थे जिसकी वजह से अल्लाह ने उन पर लानत कर दी थी मुस्लिम मुल्को की बे गैरती और बुज़दिली की वजह से अब इसने पूरी दुनिया के मुस्लिम मुल्को में आग लगा कर रख दी है ।
अब इनका अगला मिशन जल्द से जल्द इस हैकल की तामीर है और इस हैकल में तख्त ए दाऊद और ताबूत ए सकीना को दोबारा रखना है इस हैकल की तामीर के नतीजे में ये पूरी दुनियां जंग की आग में लिपट जायेगी लेकिन इस कौम को इसकी कोई परवाह नहीं 
यहूदियो को जिस बस्ती तेल अबीब में बख्त नसर ने बंधक बना कर रखा था वो इसको आजतक नही भूले इन्होंने इस्राइल बनाने के बाद अपने एक शहर का नाम तेल अबीब रख दिया जो आज इस्राइल की राजधानी है जबकि हम मुसलमान उस मस्जिदे अक्सा को भूल गए हैं जहाँ हमारे नबी सल्ल ने मेराज का सफर शुरू किया था यहूदी आजतक बार बार गिराये गए हैकल को नही भूलते यहां तक की उसमे रखे गए ताबूत ए सकीना की तलाश में पूरी दुनिया को खोद देना चाहते हैं 
इस तारीखी दुश्मनी और यहूदी साजिशो का अध्ययन करने पर आज ये महसूस होता है की वो वक्त बहुत करीब आ गया है जब मुसलमानो के खिलाफ यहूदी एक बहुत बड़ी खुली जंग का ऐलान करेंगे क्योंकि ताबूत ए सकीना कहाँ है वो खुद नही जानते और उनका शक है की ताबूत ए सकीना या तो मदीना मुनव्वरा में रोज़ा ए रसूल सल्ल के नीचे  या फिर बैतुल्लाह के नीचे मुसलमानो ने छिपा रखा है ......तारीख में ऐसी एक कोशिश की भी जा चुकी है पोस्ट मज़ीद और लम्बा हो जाएगा अगर उसका ज़िक्र किया जाए

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